Rs. 2000
The Silbatta is a kitchen utensil used to process different kinds of foods in South Asian,South American and Andean cuisine. It has a flat stone (the batan proper) and a grinding stone called a uña. The uña is held in both hands and rocked over the food in the batan. Depending on the process wished, the uña's weight is slightly held back, let loose over, or pressed on. The rocking movements also vary depending on the procedure. The grinding is done dry or with water or oil.
It is also used in India, in large number of households. It is known as "Sil-Batta" in Hindi with Sil referring to flat stone and Batta referring to a cylindrical grinding stone. It is known as Pata-Varvanta in Marathi and used in the state of Maharashtra. These grinding stones are primarily used to prepare chutney and spice mixes for cooking and occasional use including grinding soaked lentils in preparation for dosa/vadas and papadum.
In Hindi
प्राचीन भारत के ऋषियों ने भोजन विज्ञानं, माता और बहनों की स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सिल बट्टा का अविष्कार किया ! यह तकनीक का विकास समाज की प्रगति और परियावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया।
राजीव दिक्सित के अनुसार आधुनिक काल में भी सिल बट्टे का प्रयोग बहुत लाभकारी है –
१. सिल बट्टा पत्थर से बनता है, पत्थर में सभी प्रकार की खनिजों की भरपूर मात्रा होती है, इसलिए सिल बट्टे से पिसा हुआ मसाले से बना भोजन का स्वाद सबसे उत्तम होता है।
२. सिल बट्टे में मसाले पिसते वक्त जो व्यायाम होता है उससे पेट बाहर नही निकलता और जिम्नासियम का खर्चा बचता है।
३. माताए और बहने जब सिल बट्टे का प्रयोग करते है तो उनके यूटेरस का व्यायाम होता है जिससे कभी सिजेरियन डिलीवरी नही होती, हमेशा नोर्मल डिलीवरी होती है।
४. सिल बट्टे का प्रयोग करने से मिक्सर चलाने की बिजली का खर्चा भी बचता है। अभी एक मिक्सर की नुन्यतम मूल्य 2000 रूपए है जो 500 वाट की होती है, इसको अगर हरदिन आधा घंटा चलाया जाये तो एक साल में नुन्यतम 333 (3.70 रूपए प्रति यूनिट) रूपए का बिजली का बिल आता है। तो कुल हुआ 2333 रूपए। अब किसी भी अछे जिम्नासियम का प्रति महीने नुन्यतम खर्चा है 350 रूपए, तो साल का हुआ 4200 रूपए, तो कुल हुआ 6533 रूपए। आजकल सिजेरियन डिलीवरी का नुन्यतम खर्चा है 15000 रूपए, इसको अगर जोड़ा जाये तो हुआ 21533 रूपए। तो सिल बट्टे का उपयोग करके आप साल में 21533 रूपए बचाके स्वस्थ रह सकते है।